भारत के राष्ट्रपति – योग्यता, अनुच्छेद, वेतन, अधिकार एवं शक्तियां | Bharat Ke Rashtrapati

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नमस्कार दोस्तों आज हम आपको भारत के राष्ट्रपति (Bharat Ke Rashtrapati) के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं | भारत के राष्ट्रपति की योग्यता, राष्ट्रपति से संबंधित अनुच्छेद, राष्ट्रपति की वेतन, राष्ट्रपति के अधिकार एवं कर्तव्य तथा राष्ट्रपति की शक्तियां सभी के बारे में आपको पूरी जानकारी इस पोस्ट में मिल जाएगी, तो आप इस पोस्ट को पूरा ध्यान से जरूर से पढ़िए | अगर यह पोस्ट अच्छी लगे तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर कीजिए |
Bharat Ke Rashtrapati
Bharat Ke Rashtrapati

राष्ट्रपति (Bharat Ke Rashtrapati)

राष्ट्रपति भारत का पहला नागरिक होता है | भारत का राष्ट्रपति कार्यपालिका का प्रधान होता है तथा संवैधानिक प्रधान तथा देश का संवैधानिक प्रधान होता है | संघ की कार्यपालिका की शक्तियां राष्ट्रपति में ही निहित होती हैं | राष्ट्रपति संसद का भी अभिन्न अंग होता है | वर्तमान में भारत के 15th राष्ट्रपति श्री द्रौपदी मुर्मू जी हैं |

राष्ट्रपति से संबंधित अनुच्छेद (Rashtrapati ke Anuched)

 
  • अनुच्छेद 52 में यह प्रावधान किया गया है कि भारत का 1 राष्ट्रपति होगा |
  • अनुच्छेद 53 में यह व्यवस्था की गई है कि संघ की कार्यपालिका संबंधी शक्तियां भारत के राष्ट्रपति में निहित होगी |
  • अनुच्छेद 54 में यह निर्धारित किया गया है राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल में कौन-कौन शामिल होगा जिसके बारे में आप को आगे जानकारी मिल जाएगी |
  • अनुच्छेद 55 में राष्ट्रपति के निर्वाचन संबंधित पद्धति का उल्लेख किया गया है |
  • अनुच्छेद 56 में राष्ट्रपति के कार्यकाल से संबंधित जानकारी प्रदान की गई हैं |

राष्ट्रपति की योग्यता (Rashtrapati ki Yogyta)

 
भारत के राष्ट्रपति बनने के लिए किसी भी व्यक्ति में निर्णय योग्यताएं होना जरूरी है-
  • भारत के राष्ट्रपति बनने के लिए भारतीय नागरिक होना जरूरी है |
  • भारत का राष्ट्रपति बनने के लिए 35 वर्ष की आयु पूरी होना जरूरी है |
  • राष्ट्रपति की अन्य योग्यताएं यह है व्यक्ति किसी लोकसभा का सदस्य बनने की अपनी सभी योग्यताएं पूरी करता है | लोकसभा के सदस्यों की योग्यता जानने के लिए यहां क्लिक करें..
  • चुनाव के समय किसी भी प्रकार का लाभ का पद धारण नहीं करता आपको याद रखना है कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति या मंत्री परिषद का सदस्य के पद को लाभ के पद नहीं माना जाता है |

राष्ट्रपति का निर्वाचन (Bharat Ke Rashtrapati Ka Nirvachan)

  • भारत एक गणतंत्र देश है, इसीलिए यहां पर देश के प्रमुख औपचारिक पद के लिए चुनाव होता है | राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए अन्य चुनाव पद्धति अपनाई जाती | 
  •  अनुच्छेद 55 के अनुसार राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए समानुपातिक प्रतिनिधित्व वाली एकल संक्रमणीय मत पद्धति का प्रयोग किया जाता है |
  • राष्ट्रपति का निर्वाचन चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है अर्थात राष्ट्रपति के निर्वाचन मंडल में राज्यसभा और लोकसभा के तथा सभी राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों करते हैं सीधे शब्दों में अगर मैं कहूं तो राष्ट्रपति के चुनाव में सांसद और विधायक हिस्सा लेते हैं |
  • राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए निर्वाचक मंडल के 50 सदस्य प्रस्तावक तथा 50 सदस्य अनुमोदक होने चाहिए | यानी कि अगर किसी राष्ट्र राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ना हो तो कम से कम 100 व्यक्तियों का अपने पक्ष में होना जरूरी है |
  • भारत के संविधान में राष्ट्रपति कितनी बार निर्वाचित हो सकता है, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिलती हैं अर्थात कोई भी व्यक्ति कितनी बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ सकता है |
  • राष्ट्रपति के निर्वाचन में किसी भी प्रकार के विवाद से संबंधित सुनवाई सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में ही की जाती हैं |
  • राष्ट्रपति भारत के राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है |
  • राष्ट्रपति के पद त्यागने से पहले ही चुनाव आयोग नए राष्ट्रपति के लिए चुनाव आयोजित करवा देता है |
  • भारत के राष्ट्रपति को सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश शपथ दिलाता है तथा राष्ट्रपति अपना इस्तीफा उपराष्ट्रपति को होता है | Bharat Ke Rashtrapati Full List Click Here
अगर किसी परिस्थिति में राष्ट्रपति का पद खाली होता है, तो उनकी जगह उपराष्ट्रपति भारत के राष्ट्रपति के तौर पर कार्य करता है, लेकिन अगर उपराष्ट्रपति भी उस समय उपलब्ध नहीं होते हैं, तो सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश भारत के राष्ट्रपति के तौर पर कार्य करते | ऐसा अभी तक सिर्फ एक बार हुआ है जब भारत के मुख्य न्यायाधीश M. हिदायतुल्ला ने राष्ट्रपति के तौर पर कार्य किया है | लेकिन इस समय में चुनाव आयोग की जिम्मेदारी होती हैं कि उसे 6 माह के अंदर नए व्यक्ति को राष्ट्रपति के तौर पर चुनाव करवाना होता है |
भारत के सभी, राष्ट्रपतियों का कार्यकाल का पूरी जानकारी के लिए यहां क्लिक करें…

राष्ट्रपति के वेतन और भत्ते (Rashtrapati ke Vetan Bhatte)

  • भारत के राष्ट्रपति का मासिक वेतन ₹500000 प्रतिमाह होता है |
  • राष्ट्रपति के लिए ₹9,00,000 वार्षिक पेंशन का उल्लेख किया गया है |

भारत के राष्ट्रपति अधिकार (Rashtrapati ke Adhikar)

 
भारत के राष्ट्रपति के पास बहुत सारे अधिकार होते हैं | लेकिन अगर सच्चाई देखी जाए तो राष्ट्रपति की शक्तियों का प्रयोग केंद्रीय मंत्रिपरिषद अपने अनुसार ही करती हैं |

राष्ट्रपति की नियुक्ति संबंधित अधिकार

 
भारत के राष्ट्रपति के पास में नियुक्तियों का अधिकार होता है यानी कि भारत का राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और प्रधानमंत्री के सलाहकार मंत्री परिषद के अन्य सदस्यों की नियुक्ति करता है | 
  • राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति करता हैं |
  • राष्ट्रपति भारत के सभी राज्यों के राज्यपालों की नियुक्ति करता है |
  • भारत का राष्ट्रपति नियंत्रक और महालेखा परीक्षक(CAG), मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त, भारत के महान्यायवादी, संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्य, वित्त आयोग भाषा आयोग पिछड़ा वर्ग आयोग अल्पसंख्यक आयोग तथा अन्य सभी प्रकार की नियुक्तियां राष्ट्रपति करता है |

राष्ट्रपति की विधायी शक्तियां

  • भारत का राष्ट्रपति संसद का अभिन्न अंग होता है संसद के तीन अंग है- 1.लोकसभा, 2.राज्यसभा और 3.राष्ट्रपति |
  • राष्ट्रपति के पास संसद के सत्र को आहूत करने संसद के सत्र को समाप्त करने तथा लोकसभा भंग करने का अधिकार होता है |
  • राष्ट्रपति संसद के किसी भी सदन में अपना भाषण दे सकता है |
  • संसद द्वारा पारित विधेयक राष्ट्रपति के सहमति के बाद ही कानून का रूप लेते |
  • संसद में धन विधेयक प्रस्तुत करने से पहले राष्ट्रपति की सहमति लेना अति आवश्यक होता है |
  • राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुला सकता है |
  • राष्ट्रपति के पास में राज्यसभा में 12 सदस्यों के मनोनयन का अधिकार होता है यह सभी सदस्य विभिन्न क्षेत्रों से जैसे कला साहित्य पत्रकारिता और सामाजिक कार्य में अच्छे काम करने वाले व्यक्ति होते हैं |

अध्यादेश जारी करने की राष्ट्रपति की शक्ति

 
जब संसद का कोई सत्र नहीं चल रहा होता है और देश में किसी कानून की को लागू करने की आवश्यकता हो, तो राष्ट्रपति अनुच्छेद 123 के तहत अध्यादेश जारी करता है | अध्यादेश किसी भी सामान्य कानून की तरह ही काम करता है | लेकिन जब संसद का सत्र शुरू होता है तो उसके 6 सप्ताह के अंदर उस अध्यादेश को संसद से पारित करना होता है अन्यथा पर अध्यादेश अध्यादेश आगे लागू नहीं हो सकता |

सेना से संबंधित शक्ति

राष्ट्रपति भारत के सभी अन्य संगठनों का सर्वोच्च कमांडर होता है |

क्षमादान की शक्तियां

 
क्षमादान की शक्तियां राष्ट्रपति की प्रमुख शक्तियां में से एक हैं | इस शक्ति का प्रयोग करके राष्ट्रपति किसी भी व्यक्ति की सजा को माफ कर सकता है, उसे कम कर सकता है, यहां सजा के प्रकार को बदल सकता है | राष्ट्रपति की क्षमादान से संबंधित शक्तियों का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत किया गया |

राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियां

 
भारत के राष्ट्रपति के पास में संविधान के भाग 18 के अनुच्छेद 352 से 360 के बीच में आपातकाल से संबंधित शक्तियों का उल्लेख किया गया है |

अनुच्छेद 352

अनुच्छेद 352 के तहत भारत का राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की सलाह लेकर विभिन्न स्थितियों में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर सकता है | यह विभिन्न स्थितियां जैसे कि युद्ध आक्रमण, सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में किया जा सकता है | दोस्तों आपको याद रखना है अनुच्छेद 352 के तहत भारत में अभी तक 3 बार राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की जा चुकी है | पहली बार 1962 में चीन के युद्ध के समय दूसरी बार 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय तथा तीसरी बार 1975 में आंतरिक अशांति के कारण इंदिरा गांधी के समय राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की गई थी |
 

अनुच्छेद 356

संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत प्रावधान किया गया है कि किसी भी राज्य में संवैधानिक तंत्र के विफल होने के कारण वहां पर राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है | अनुच्छेद 356 के का प्रयोग बहुत बार हो चुका है | जब राज्य में किसी भी एक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है और मुख्यमंत्री के कई दावेदार होते हैं उस समय में केंद्र सरकार राष्ट्रपति शासन लागू कर सकती हैं |

अनुच्छेद 360

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 360 के तहत वित्तीय आपातकाल की घोषणा की गई है, जिसके अनुसार देश में राष्ट्रपति वित्तीय आपातकाल की घोषणा कर सकता है | भारत में अभी तक एक बार भी वित्तीय आपातकाल की घोषणा नहीं की गई है |

विभिन्न राष्ट्रपतियों से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य:-

  • डॉ राजेंद्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति थे तथा वे लगातार दो बार भारत के राष्ट्रपति रहे थे |
  • राष्ट्रपति वीवी गिरी के निर्वाचन के समय दूसरे चक्र की मतगणना करनी पड़ी थी |
  • भारत में नीलम संजीव रेड्डी एकमात्र राष्ट्रपति रहे जिनका जिनको जो एक बार चुनाव हार गए तथा दूसरी बार निर्विरोध चुने गए |
  • भारत देश की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल 2007 से 2012 तक रही थी |
  • डॉ जाकिर हुसैन पहले मुस्लिम राष्ट्रपति थे | तथा अपने कार्यकाल में निधन हो गया था |
 
तो दोस्तों इस पोस्ट में मैंने आपको Bharat Ke Rashtrapati से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी बहुत ही सरल शब्दों में दी हैं ताकि आप आसानी से समझ सके अगर आप इसी तरह की और भी जानकारी पाना चाहते हैं तो आप हमारे YouTube Channel को सब्सक्राइब कर सकते हैं तथा हमारे Telegram Channel को ज्वाइन कर सकते हैं, ताकि आपको हर रोज नई जानकारी मिल सके |

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Naresh Kumar is Founder & Author Of EXAM TAK. Specialist in GK & Current Issue. Provide Content For All Students & Prepare for UPSC.

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