ग्लोब- अक्षांश और देशांतर रेखाएं | अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा, अंतरराष्ट्रीय सीमाएं | Globe – latitude and longitude

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नमस्कार दोस्तों आज इस पोस्ट में हम आपको बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण टॉपिक पर चर्चा करेंगे जोकि है ग्लोब- अक्षांश और देशांतर रेखाएं (Globe – latitude and longitude), जिसमें हम आपको अक्षांश और देशांतर रेखाओं  के बारे में बताएंगे | साथ में अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा, अंतरराष्ट्रीय सीमाएं और मानक समय (International Date Line, International Boundaries Standard time)के बारे में पूरी जानकारी दी गई है, तो आप इस पूरी पोस्ट को ध्यान से पढ़िए और अपने सभी दोस्तों के साथ शेयर जरूर कीजिए |
पृथ्वी पर किसी वस्तु की स्थिति, ग्लोब पर सुनिश्चित स्वीकार्य गणितीय सिद्धांतों पर आधारित दो काल्पनिक रेखा से ज्ञात की जाती है; कैसे- देशांतर रेखाएं तथा अक्षांश रेखाएं |

globe - akshansh aur deshantar rekhae
globe – akshansh aur deshantar rekhae

देशांतर रेखाएं (Deshantar Rekha)

उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव पर के दो आधार बिंदु हैं |
एक ध्रुव से दूसरे ध्रुव को मिलाने वाली काल्पनिक रेखाएं देशांतर रेखाएं कहलाती हैं | (deshantar rekha kise kahte hai)
ग्रीनविच वेधशाला, जो लंदन के निकट है, हैं से गुजरने वाली देशांतर रेखा को प्रधान देशांतर रेखा (ग्रीनविच रेखा कहते हैं) कहां जाता है |
इसका मान 0*( जीरो डिग्री) देशांतर हैं |
ग्रीनविच से 180 डिग्री पूर्वी देशांतर तक पूर्वी गोलार्ध एवं 180 डिग्री पश्चिमी देशांतर तक पश्चिमी गोलार्ध कहलाता है | deshantar rekha kitni hoti hai
यद्यपि,पृथ्वी की आकृति गोलाकार हैं, इसलिए इसे 360 डिग्री में विभाजित किया जाता है |
1 डिग्री देशांतर की दूरी तय करने में पृथ्वी को 4 मिनट लगते हैं |
15 डिग्री देशांतर पर 1 घंटे का अंतर आ जाता है |

अक्षांश रेखाएं (akshansh rekha)

ग्लोब पर खींची गई समांतर रेखाओं को अक्षांश रेखा कहां जाता है | (akshansh rekha kise kahte hai)
0 डिग्री की अक्षांश रेखा ही भूमध्य रेखा (Equator) कहलाती हैं |
यह पृथ्वी के केंद्र से गुजरती हैं एवं पृथ्वी को दो बराबर भागों में बांटती हैं | इसे विषुवत रेखा (Bhumadhy rekha) भी कहते हैं | भूमध्य रेखा पर दिन रात बराबर होते हैं |
1 डिग्री अक्षांश= 111 किलोमीटर( लगभग)
भूमध्य रेखा से ऊपर 0 डिग्री से 90 डिग्री उत्तरी ध्रुव तक उतरी गोलार्ध और भूमध्य रेखा से नीचे का 0 डिग्री से 90 डिग्री दक्षिणी ध्रुव तक दक्षिण गोलार्ध कहलाता है | akshansh rekha kitni hoti hai

उत्तरी गोलार्ध में 231/2 डिग्री उत्तरी अक्षांश के दोनों बिंदुओं को मिलाने वाली रेखा कर्क रेखा(Tropic of Cancer) कहलाती हैं | (kark rekha kise kahte hai)
उत्तरी गोलार्ध में 66 1/2 डिग्रीउत्तरी अक्षांश के दोनों बिंदुओं को मिलाने वाली रेखा आर्कटिक वृत्त(Arctic circle) कहलाती हैं |
दक्षिण गोलार्ध में 23 1/2 डिग्री दक्षिण के दोनों बिंदुओं को मिलाने वाली रेखा मकर रेखा(Tropic of Capricon) कहलाती हैं | Makar rekha kise kahte hai
दक्षिण गोलार्ध में 66 1/2 डिग्री दक्षिण के दोनों बिंदुओं को मिलाने वाली रेखा अंटार्कटिक वृत्त(Antarctic Circle) कहलाती है |

अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा(antrashtriy tithi rekha)

1884 में वॉशिंगटन में हुई वैश्विक सहमति के बाद 180 डिग्री देशांतर के लगभग एक काल्पनिक रेखा निर्धारित की गई | इसे अंतरराष्ट्रीय तिथि रेखा कहां जाता है |
यह पूर्व व पश्चिमी देशांतर के मिलने वाला बिंदु होता है |
यहां पर 24 घंटे अर्थात 1 दिन का अंतर हो जाता है |
अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा आर्कटिक सागर बेरिंग स्ट्रेट व प्रशांत महासागर से गुजरती हैं |

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अंतरराष्ट्रीय सीमाएं (International Borders Name List)

डूरंड रेखा

पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान

मैकमोहन रेखा

भारत एवं चीन

रेडक्लिफ रेखा

भारत एवं पाकिस्तान

Hindenberg Line

जर्मनी एवं पोलैंड

मैगीनोट रेखा

जर्मनी एवं फ्रांस

38 वी समांतर रेखा

उत्तरी एवं दक्षिणी कोरिया

49 वी समांतर रेखा

अमेरिका एवं कनाडा

मानक समय (Standrad Time)

प्रत्येक देश का मानक समय ग्रीनविच मीन टाइम से आधे घंटे के गुणक के अंतर पर निर्धारित किया जाता है |
भारत का मध्य प्रमाणिक समय(IST)82.5 डिग्री पूर्व हैं, जो विंध्याचल शहर( मिर्जापुर) से गुजरती हैं |
यह नैनी(प्रयागराज) के पास है, जो मानक ग्रीनविच समय से 5 घंटे 30 मिनट आगे हैं |
भारत की मानक रेखा(IST) भारत के 4 राज्यों( उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश) से गुजरती हैं |
अधिकांश राष्ट्र मानक समय निर्धारण के मामले में 1884 में वॉशिंगटन में हुई इंटरनेशनल मेरिडियन कॉन्फ्रेंस के समझौते का पालन करते हैं |

अयनांत या संक्रांति (ayanaant ya sankraanti)

यह वर्ष की तिथियां हैं, जिनमें दिन तथा रात की लंबाई में अंतर सर्वाधिक होता है | इसी को अयनांत या संक्रांति कहते हैं |

उत्तरी अयनांत (Northern solstice)

21 जून उत्तरी गोलार्ध का सबसे लंबा दिन होता है, इस समय सूर्य कर्क रेखा पर लंबवत स्थित होता है | इस समय दक्षिण गोलार्ध में दिन छोटे व रातें बड़ी होती हैं |

मकर सक्रांति या शील अयनांत (Makar Sankranti)

22 दिसंबर उत्तरी गोलार्ध का सबसे छोटा दिन होता है |
इस समय सूर्य मकर रेखा पर लंबवत होता है और दक्षिणी गोलार्ध में दिन लंबे तथा रातें छोटी होती हैं |
इस समय दक्षिणी गोलार्ध में ग्रीष्म ऋतु होती हैं |

विषुव (vishuv)

वर्ष का वह समय जब सूर्य भूमध्य रेखा के ऊपर लंबवत होता है | इसी समय पूरी धरती पर दिन और रात की लंबाई बराबर होती हैं |
उपसौर– उपसौर की स्थिति में पृथ्वी की सूर्य से निकटतम दुरी होती है | ऐसी स्थिति 3 जनवरी को होती है |
अपसौर– अपसौर की स्थिति में पृथ्वी की सूर्य से सबसे ज्यादा दुरी होती है | ऐसी स्थिति 4 जुलाई को होती है |
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Naresh Kumar is Founder & Author Of EXAM TAK. Specialist in GK & Current Issue. Provide Content For All Students & Prepare for UPSC.

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