अंग्रेज और फ्रांसीसी के बीच में हुए तीन महत्वपूर्ण कर्नाटक युद्ध – उनके कारण, कालक्रम, युद्ध का कारण, युद्ध का परिणाम, कौन सी संधि हुई, आदि की चर्चा इस टॉपिक में की गई है | Carnatic War In Hindi
पिछले टॉपिक में हमने भारत में यूरोपियों का आगमन के बारे में पढ़ा था और आज हम उन्हीं में से दो यूरोपिय कंपनियों ब्रिटिश और फ्रांसीसी के बीच में प्रमुख संघर्ष जिसे हम कर्नाटक युद्ध के रूप में जानते हैं, के बारे में पढ़ने वाले हैं |
कर्नाटक का रीजन (Carnatic Region) बंगाल की खाड़ी से सटा हुआ, वर्तमान में मुख्यतः तमिलनाडु वाला क्षेत्र था | कर्नाटक के युद्ध में पहली बार अंग्रेज और फ्रांसीसी भारत की धरती पर अपनी सेनाओं के साथ में युद्ध किया था |
इन युद्ध में ईस्ट इंडिया कंपनी और फ्रांसीसियों के शामिल होने का मुख्य कारण निम्न थे –
- शुरुआत में यह अपने हित वाले व्यक्ति को शासन सौंपना चाहते थे, ताकि उनके व्यापार में वृद्धि हो |
- यूरोप में और खासकर ऑस्ट्रिया में उत्तराधिकार के युद्ध में फ्रांस और अंग्रेज आमने-सामने थे |
- अंग्रेज और फ्रांसीसी आपस में प्रतियोगी थे और यूरोप में अपनी श्रेष्ठता साबित करना चाहते थे |

प्रथम कर्नाटक युद्ध
- प्रथम कर्नाटक युद्ध 1746 से 1748 तक चला था |
- प्रथम कर्नाटक युद्ध का कारण –
- प्रथम कर्नाटक युद्ध का मुख्य कारण था ऑस्ट्रेलिया में उत्तराधिकार के युद्ध के कारण अंग्रेज और फ्रांसीसी आमने-सामने थे |
- भारत में तत्कालीन कारण था अंग्रेज कैप्टन बर्नेट के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ने फ्रांसीसी जहाजों पर अधिकार कर दिया था |
- युद्ध की शुरुआत में फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी की तुलना में कमजोर थे और फ्रांस के गवर्नर डुप्ले थे |
- प्रथम कर्नाटक युद्ध में फ्रांस ने चांद साहब की सहायता की तथा ईस्ट इंडिया कंपनी कर्नाटक के नवाब अनवरउद्दीन का सहयोग कर रहे थे |
- इसी के तहत 1946 में अड्यार का युद्ध फ्रांस और नवाब अनवरउद्दीन के बीच में हुआ |
- फ्रांस ने मद्रास को अपने कब्जे में ले लिया |
- प्रथम कर्नाटक युद्ध 1948 में यूरोप में हुई ओक्सा-ला-शैपेल संधि के साथ समाप्त हुआ |
- इस संधि के तहत मद्रास को वापस ईस्ट इंडिया कंपनी को दे दिया जाता है |
द्वितीय कर्नाटक युद्ध
- द्वितीय कर्नाटक युद्ध 1749 से 1754 तक 5 वर्ष के लिए चला था |
- द्वितीय कर्नाटक युद्ध के कारण
- 1748 में हैदराबाद के निजाम आसफ जहां-I की मृत्यु होने के बाद उनके उत्तराधिकार को लेकर आसफ जहां के पुत्र नासिर जंग और आसफ जहां की बेटी के पुत्र मुजफ्फर जंग के बीच में टकराव हुआ |
- दूसरी तरफ कर्नाटक के शासन के लिए मराठों से 8 वर्ष के बाद छूट कर आने वाले चांद साहब ने नवाब अनवरउद्दीन से सत्ता हासिल करने की कोशिश की |
- इस युद्ध में फ्रांसीसी हैदराबाद में मुजफ्फर जंग तथा कर्नाटक में चांद साहब को अपना समर्थन देते हैं, जबकि ईस्ट इंडिया कंपनी हैदराबाद में आसिफ जहां के बेटे नासिर जंग का और कर्नाटक में नवाब अनवरउद्दीन का समर्थन करते हैं |
- इस युद्ध में फ्रांसीसी गवर्नर डुप्ले था तथा ईस्ट इंडिया कंपनी का नेतृत्व रॉबर्ट क्लाइव कर रहा था |
- द्वितीय कर्नाटक युद्ध के दौरान 1749 में युद्ध में अनवरउद्दीन की हत्या फ्रांसीसीयों के द्वारा कर दी जाती है तथा हैदराबाद में नासिर जंग की भी हत्या कर दी जाती है | इस समय तक फ्रांसीसी इस युद्ध में काफी मजबूत स्थिति में थे |
- 1751 में रॉबर्ट क्लाइव कर्नाटक की राजधानी आर्कोट पर हमला करता है और उसके अगले वर्ष 1752 में मैसूर, तंजौर और मराठों की सहायता से चांद साहब को हरा दिया जाता है और उनकी हत्या कर दी जाती हैं तथा कर्नाटक का नवाब अनवरउद्दीन के बेटे मोहम्मद अली को बनाया जाता है |
- इस हार के बाद डुप्ले को वापस फ्रांस भेज दिया जाता है |
- कर्नाटक के द्वितीय युद्ध के बाद पांडिचेरी की संधि 1754 में की जाती है |
- इस संधि में दोनों यूरोपीय यह तय करते हैं कि वह स्थानीय राजाओं की सत्ता में दखल नहीं देंगे |
- दोनों को अपने पुराने और हारे हुए क्षेत्र मिल जाते हैं |
तृतीय कर्नाटक युद्ध
- तीसरे कर्नाटक युद्ध का समय 1758 से 1763 तक था |
- इस युद्ध में ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल में चंद्रनागौर, कसिंबाजार और बालासोर में बुरी तरह से हरा दिया और 1759 तक उत्तरी सरकार (वर्तमान समय का आंध्रप्रदेश और उड़ीसा का समुद्र तट) पर ईस्ट इंडिया कंपनी ने कब्जा कर लिया |
- 1760 में तमिलनाडु में ईस्ट इंडिया कंपनी के सर आयरकुट के नेतृत्व में वांडीवाश का युद्ध हुआ, जिसमें फ्रांसीसियों की बुरी तरह से हार हुई |
- 1763 में तीसरे कर्नाटक युद्ध का अंत पेरिस की संधि के साथ होता है |
- इस संधि में ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने जीते हुए क्षेत्र पुडुचेरी और चंद्रनागौर को फ्रांसीसियों को वापस दे दिया |
- इस संधि के बाद फ्रांसीसियों की भारत में सैन्य गतिविधियों पर रोक लगा दी अब फ्रांसीसी सिर्फ व्यापार कर सकते थे |
कर्नाटक युद्ध में फ्रांस के हारने के कारण
- ईस्ट इंडिया कंपनी की नौसेना फ्रांसीसियों से ज्यादा ताकतवर थी |
- फ्रांस की सरकार की ओर से भारत में फ्रांसीसी कंपनी को कम सहयोग प्राप्त हुआ |
- ईस्ट इंडिया कंपनी बंगाल में काफी मजबूत थी और उनके पास तीन महत्वपूर्ण बंदरगाह भी थे कोलकाता, मुंबई और मैसूर, जबकि फ्रांसीसियों के पास सिर्फ पांडिचेरी ही था |
- यूरोप में चल रहे लंबे युद्धों में ब्रिटिश की विजय हुई थी, जिसका प्रभाव भारत में भी हुआ |
यह भी जरूर पढ़ें –
अब सामान्य ज्ञान के सभी टॉपिक की PDFs उपलब्ध हैं | |
- प्रमुख समिति और आयोग | Committee and Commissions List
- भौतिक राशि और उनके मात्रक | SI Unit
- केंद्र सरकार की सभी योजनाएं (2014 से अभी तक) | Government Schemes List Sarkari Yojana
- फरवरी 2023 के महत्वपूर्ण दिवस और थीम | Important Days In February Hindi
- भारत के परमाणु ऊर्जा संयंत्र | Nuclear Power Plants In India In Hindi
- प्रमुख भारतीय शहरों के उपनाम | Shahron Ke Upnaam
- भारत के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की सूची
महत्वपूर्ण प्रश्न
-
प्रथम कर्नाटक युद्ध कब हुआ था ?
प्रथम कर्नाटक युद्ध 1746 से 1748 ईस्वी तक 2 वर्ष तक ब्रिटिश और फ्रांसीसियों के बीच में हुआ था |
-
अंग्रेजों और फ्रांसीसियों के बीच में कितने कर्नाटक युद्ध हुए ?
अंग्रेजों और फ्रांसीसियों के बीच 1746 से 1763 तक की अवधि के दौरान कुल 3 युद्ध हुए, जिनकी जानकारी आपको ऊपर दी गई है |
-
प्रथम कर्नाटक युद्ध के बाद कौन सी संधि हुई ?
प्रथम कर्नाटक युद्ध 1948 में यूरोप में हुई ओक्सा-ला-शैपेल संधि के साथ समाप्त हुआ |
-
द्वितीय कर्नाटक युद्ध कितने वर्ष तक चला था ?
द्वितीय कर्नाटक युद्ध 1749 से 1754 तक 5 वर्ष के लिए चला था |
-
पांडिचेरी की संधि कब होती है ?
पांडिचेरी की संधि द्वितीय कर्नाटक युद्ध के बाद 1754 में ब्रिटिश और फ्रांसीसियों के बीच में होती है |
-
वांडीवाश का युद्ध कब हुआ था ?
वांडीवाश का युद्ध 1760 में तीसरे कर्नाटक युद्ध के दौरान हुआ था, जिसमें ब्रिटिश सेना के सर आयरकुट के नेतृत्व में फ्रांसीसियों की बुरी हार हुई थी |
दोस्तों अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी है तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर कीजिए और हां ऐसे ही महत्वपूर्ण अपडेट पाने के लिए हमारे टेलीग्राम चैनल को ज्वाइन कीजिए |
इस Topic की PDF उपलब्ध है, यहाँ से डाउनलोड करें 👇️